नेगेटिव विचारों को कैसे रोके

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हर दिन व्यक्ति अपने दिन की शुरुवात करता है, लेकिन कुछ लोग अपने दिन की शुरुवात सकारात्मक विचारों के साथ करते है, जिससे उनका दिन बहुत ही जबरदस्त जाता है, लेकिन अफसोस उनमें से भी काफी लोग ऐसे है, जो अपने दिन की शुरुवात नकारात्मक विचारों के साथ करते है, जैसे क्या आज मेरा दिन बढ़िया जाएगा कि नहीं, या कल जो मेरे साथ हुआ, क्या वो आज तो नहीं होगा आदि, ऐसे काफी नेगेटिव विचार होते है, जिसको देखते हुए, वो अपने दिन की शुरुवात करता है, ऐसे में आपके विचारों के हिसाब से ही वो अपने दिन की शुरुआत करता है, जिससे उसका पूरा दिन ही खराब हो जाता है, ऐसे में आपको यह पता होना चाहिए, की नेगेटिव विचारों को कैसे रोके,

क्योंकि नेगेटिव विचार आपके लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है, क्योंकि यह विचार आपके अच्छे खासे भविष्य को खराब कर के रख देगा, एक बात का हमेशा ध्यान रखना की आपका दिमाग उसी प्रकार से काम करता है, जैसा विचार आप सोचते है, इसलिए अपने विचारों के ऊपर संयम रखे, ओर यह प्रॉब्लम आज के टाइम में काफी लोगों के अंदर है, इसलिए इस बात को देखते हुए, आज हम इस पोस्ट में कुछ पॉइंट्स के माध्यम से यह बात अच्छे से समझने वाले है, की नेगेटिव विचारों को कैसे रोके, तो आहिये शुरू करते है।

नेगेटिव विचारों को कैसे रोके
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1. अपने ऊपर कभी भी सेल्फ डाउट न करे:-

कोई भी व्यक्ति तब नहीं हारता जब उसको कोई ओर व्यक्ति अपने विचारों से आपको परेशान करना चाहता हो, ओर वो उस व्यक्ति की बात में आकर अपने विचार बदल लेता है, लेकिन वो तब हार जाता है, जब वो उन विचारों को अपने मन में धारण करता है, फिर उन्हीं विचारों को ध्यान में रखते हुए, अपने ऊपर सेल्फ डाउट करने लग जाता है, ऐसी परिस्थिति में वो नकारात्मक विचारों की तरफ चला जाता है,

एक बात का आप हमेशा ध्यान रखना की कभी भी कोई नकारात्मक विचार आपके मन में तब तक नहीं जाता है, जब कोई ओर व्यक्ति उन विचारों को आपके दिमाग में डालना चाह रहा हो, लेकिन तब आपके दिमाग में जाता है, जब आप उन विचारों को सुनकर अपने दिमाग में जाने देते हो, ओर फिर अपने ऊपर डाउट करने लग जाते हो, जब आप दूसरों से ज्यादा खुद के ऊपर डाउट करने लगते हो, तभी वहां से नेगेटिव विचारों की शुरुवात होती है, ऐसा आपके साथ न हो,

इसलिए कभी भी अपने ऊपर सेल्फ डाउट न करे, ओर अपने दिमाग में उन्हीं विचारों को जाने दे, जिससे आपको सकारात्मकता सोच मिलती रहे, जब आप नेगेटिव विचारो को अपने अंदर आने ही नहीं दोगे तो न तो इससे आपके दिमाग में नकारात्मकता विचार आएंगे न कोई बात उससे भी ज्यादा कोई दूसरा व्यक्ति आपको कुछ भी कहे,

लेकिन आपको दूसरों की बातों से ज्यादा अपने ऊपर विश्वास होना बहुत जरूरी है, तभी जाकर आप इस नकारात्मक सोच को मात देने में कामयाब होंगे, इसके अलावा अपने विचारों के बदले ओर अपनी बातचीत में ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक विचार रखे, जिससे आपकी सोच में ओर बातों में हर समय सकारात्मकता बनी रहे, आपकी सकारात्मक सोच ही अपने अंदर के नेगेटिव विचारों को जड़ से खत्म कर देगी, इसलिए इस बात को ध्यान में रखे।

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2. डर को काबू में न रख पाना:-

व्यक्ति चाय कोई भी हो लेकिन कोई भी व्यक्ति जन्म से ही ऐसा नहीं होता है, उस समय उसको न तो नकारात्मक विचारों का पता होता है, ओर न ही सकारात्मक विचारों का वो अपनी जिंदगी खुल के जीता है, लेकिन समय के साथ साथ जैसे वो लोगों को देखता है, उनके बीच के माहौल में रहता है, वैसे वैसे उसकी सोच ही इस प्रकार से हो जाती है, जिस वजह से वो नकारात्मकता की ओर चला जाता है, इसका सबसे बड़ा कारण उसके अंदर का डर है,

क्योंकि जब वो किसी काम को मन से करने का सोचता है, ओर उस काम के ऊपर विजय करने का काफी प्रयास भी करता है, लेकिन जब उसको उस काम को करने में असफलता मिलती है, तब जिस संसार में वो रहता है, वहां पर उसको असफलता के ऊपर काफी कुछ सुनने को मिलता है, जिससे उस व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है, फिर उसके दिमाग में वापस उस काम को करने का मन ही नहीं करता है, वो हर समय सोचता रहता है, कि उसके बस का यह काम नहीं है, वो कोई भी काम करेगा उसमें उसको हर समय असफलता ही मिलेगी आदि,

ऐसे ऐसे नकारात्मक विचार उसके दिमाग में आने लगते है, जिससे उसको डर महसूस होता है, ओर इसी डर से व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार आने लगते है, इसलिए कहते है, कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपने आस पास के माहौल को न देखते हुए बस अपने ऊपर विश्वास रख के अपने हर काम को कीजिए, अगर उसमें आप असफल हो भी जाते है, तो भी अपने ऊपर पूरा विश्वास रखे, ओर फिर से ट्राय करे, ऐसा करने से आपके अंदर का डर एकदम खत्म हो जाएगा, ओर आपको नकारात्मक विचार आना बंद हो जाएगा, इसलिए कहते है, की जितना हो सके, अपने डर पर काबू रखे, क्योंकि डर से ही आपको नकारात्मक विचार आने लगते है।

3. ध्यान करे:-

व्यक्ति के जीवन की सारी प्रॉब्लम का एक मात्र समाधान है, ध्यान क्योंकि ध्यान करने से आप अपने अंदर चल रही सारी नकारात्मक बातों को आसानी से विराम कर पाते हो, क्योंकि जब आप ध्यान करते है, तब आप अपने मन से बात करते है, ऐसे में आपके मन में चल रहे, सारे विचार अपने आप शांत होने लगते है, आपने देखा होगा आज के टाइम में व्यक्ति अपने काम में इतना बिजी हो गया है,

कि उस काम को करने के लिए न जाने उसके मन में पूरे दिन में कितने विचार आते जाते रहते है, जिसमें से लगभग सारे विचार ऐसे होते है, जिसका आपके काम से कोई भी लेना देना नहीं है, ऐसे विचारों से न सिर्फ आपका मन इधर उधर भटकता है, बल्कि आपके विचारों में भी नकारात्मकता आने लग जाती है, इसलिए अपने मन में चल रहे फालतू विचारों को रोकने का सबसे आसान रास्ता है,

की पूरे दिन में से कुछ समय अपने लिए निकाले ओर अपने दिमाग को शांत करके ध्यान करे, क्योंकि जब आप ध्यान करते है, तो इससे न सिर्फ आपका मन शांत होता है, बल्कि आपके दिमाग में चल रहे फालतू विचार आना रुक जाते है, इसके अलावा आपके दिमाग को नकारात्मकता विचारों से छुटकारा मिलता है, ओर आपके विचारों में सकारात्मकता आने लग जाती है, इसलिए कोशिश करे ओर जितना हो सके, ध्यान करने की कोशिश करे, क्योंकि ध्यान करने के ओर भी काफी ज्यादा फायदे है।

समापन:-

आज हमने इस पोस्ट में कुछ पॉइंट्स के माध्यम से यह अच्छे से समझा की नेगेटिव विचारों को कैसे रोके, इसलिए जितने भी पॉइंट्स आपको इस पोस्ट में बताए गए है, उनमें से हर एक पॉइंट्स को आप अच्छे से पढ़िए ओर उन पॉइंट्स को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करे, क्योंकि नकारात्मक विचार से न सिर्फ आपका मन उदास होता है, बल्कि आपके जीवन में भी नकारात्मकता आने लग जाती है, बाकी अगर आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल या सुझाव आता है, तो उसे कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर शेयर करे।

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