अगर व्यक्ति सीखना चाए तो उसकी हर एक भूल उसको कुछ ना शिक्षा दे सकती है, लेकिन आज कल के लोगों का दिमाग ही कुछ ऐसा हो गया है, की वो कुछ नहीं चीज सीखना ही नहीं चाहता है, ओर ना ही अपनी भूल को स्वीकार करना चाहता है, जिससे उनके अंदर सीखने की शक्ति काफी कम हो गई है, इसलिए हर व्यक्ति को यह जरूर सीखना चाहिए की सीखने की कला कैसे विकसित करे,
क्योंकि जब तक आप अपने दिमाग को नई नई चीज़े सीखने के लिए तैयार नहीं करोगे, तब तक आप अपने किसी भी काम को अच्छे तरीके से नहीं कर पाओगे, ओर इसके लिए आपको काफी प्रयास भी करना पड़ेगा, आपने एक बात तो सुनी होगी ना की व्यक्ति जितना सफलता से नहीं सीखता उससे कई ज्यादा वो असफलता सीखता है,
इसलिए आज हम इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से इसी टॉपिक के ऊपर बात करने वाले है, की अपने दिमाग के अंदर सीखने की कला कैसे विकसित करे, तो आहिए शुरू करते है।
1. जब तक किसी काम में सफल ना हो जाए तब तक प्रयास करते रहना-
जब हम कोई काम करते है, लेकिन उसमे अगर सफलता नहीं मिलती है, तो उसका मतलब यह नहीं है, की उस काम को करना छोड़ दे, बल्कि जब तक आपसे वो काम पूरा न हो जाए तब तक आपको उस काम को करने का प्रयास करते रहना है, जिससे आपका कोई न कोई ऐसा प्रयास जरूर होगा, जो आपको उस काम में सफलता हासिल करवाएगा,
उदाहरण के तौर पर जैसे हम कोई ताला खोल रहे है, लेकिन उसकी चाबी हमे नही मिल रही है, इस परिस्थिति में हमारे पास जो चाबी का गुच्छा है, उसमे से हर चाबी को उस ताले में लगाकर चेक करेंगे, जिससे वो ताला खुल जाए, आपके लगातार प्रयास से एक ना एक चाबी से वो ताला जरूर खुलेगा, जिससे आप ताला खोलने में सफल हो जायेंगे,
व्यक्ति चाए जो कोई भी अगर वो अपनी दिमाग की मेमोरी पावर बढ़ना चाहता है, तो उसका एक हि मंत्र है, लगातार नही नही चीजे सीखते रहना, मान के चलो कोई व्यक्ति ऐसा है, जिसको कुछ भी काम नही आता है, और न कोई काम सीखने की क्षमता है, लेकिन फिर भी अगर वो एक ही काम को करने के लिए लगातार प्रयास करे, तो एक ना एक प्रयास में उसको सफलता जरूर मिलेगी, इस तरीके का इस्तेमाल भी आप जरूर करे, जिससे आपको हर दिन कुछ ना कुछ नई नई चीज़े सीखने को मिलती रहेगी।
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2. अन्तदृष्टि के द्वारा सीखना-
जब कभी भी हम किसी परिस्थिति अथवा मुस्किलो को अच्छी तरह से समझ लेते है, और दिमाग से तर्क-वितर्क के द्वारा उसका समाधान ढूंढते है, तो उसे अन्तदृष्टि द्वारा सीखना कहा जाता है, मान के चलो अगर आप कही पर किसी ऐसे काम में फसे हुए है, जिससे बहार निकलने में आपको काफी मुस्किल हो रही है, और आप इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहे हो,
वही जब आप अपने दिमाग को शांत करके दिमाग की अन्तदृष्टि शक्ति से जब आप सोचते है, की इस मुस्किल परिस्थिति से बहार कैसे निकले तो, वहा से आपको कुछ ऐसे तरीके सीखने को मिलेंगे, जिससे आप अपनी समस्या का समाधान अच्छे तरीके से निकाल पाओगे, इस तरीके से दिमाग की सोचने की शक्ति भी बढ़ती है, और इससे कई नए नए चीजे भी आप सीखते है,
जैसे इस चीज़ को एक उदाहरण से समझते है, मान के चलिए आपका अपने दोस्तो के साथ बाहर कही पर घूमने का कोई प्रोग्राम बना, जहा पर आपको 2 दिन बाद जाना है, लेकिन उसकी पूरी प्लानिंग आप पहले ही करने लग जाते है, जैसे कहा पर आप रहेंगे, क्या खाना खायेंगे, घूमने के लिए कोन कौनसी जगह अच्छी है, किस ट्रेन या प्लेन से जाना है आदि,
इन पूरे चीज को अच्छे से रिसर्च करेंगे जानकारी लेंगे, और इस पूरी ट्रिप का आनंद लेने के लिए आप अच्छे से प्लानिंग करेंगे फिर आप ट्रिप के लिए निकलेंगे, इस पूरे प्रयास में आप अभी तक वहा पहुंचे नही है, जहा पर आप जाना चाहते है, केवल अपने दिमाग की अन्तदृष्टि से आपने विचार किया है, जिससे आपने जाने कितनी नई चीज़ों को आपने सीखा जिसका आपको थोड़ा भी नॉलेज नही था, इसलिए किसी भी नहीं चीज को सीखने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, अपने दिमाग की अन्तदृष्टि शक्ति को जागृत करना।
3. सामने वाले को देखकर उसकी तरह काम करना-
इस दुनिया में जितने भी सफल लोग है, जो अपनी अपनी फील्ड में सबसे सफल है, वो सारे लोग इसी तरीके से अपने जीवन में सफल हुए है, वो हमेशा अपने आस-पास वाले लोगो से कुछ ना कुछ सीखते रहते है, की सामने वाले व्यक्ति के अंदर ऐसी कोनसी स्किल है,
जिसको में अपने अंदर ला सकता हु, आप बिना किसी व्यक्ति के संपर्क में आए, बिना किसी को देखे, आप किसी भी नई चीज को नई सिख सकते, मनुष्य समाज में रहकर रीति रिवाज, परम्पाओ, लोक रीतियों आदि का पालन इसी आधार पर होता है, जो समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहता है।
सीखने के तीन नियम होते है-
- प्रभाव का नियम
- अभ्यास का नियम
- तत्परता का नियम
प्रभाव का नियम:- कुछ लोग के मन की क्रियाएं इतनी विकसित होती है, की उन्हें कम बार दोहराने पर भी उनको चीजे अच्छे से समझ में आ जाती है, और कुछ लोगो की सीखने की शक्ति इतनी कम होती है, की उनको चाए कितना भी समझा दो लेकिन उसको समझ में ही नहीं आएगा, इसलिए इसका एक मात्र समाधान है, की लगातार मेहनत, और रोजाना नई चीजे सीखते रहना, लेकिन यह तभी हो पाएगा जब आपके अंदर इच्छाशक्ति होगी।
अभ्यास का नियम;- इस दुनिया मे अभ्यास ही एक मात्र ऐसा रास्ता है, जो हमको नई नई चीज़े सीखने मे हमारी मदद करता है, जिन कामों को या जिन चीजों को सीखने का हम लगातार प्रयास करते है, उनको आज नहीं तो कल उन्हे हम अच्छे से सिख लेते है, व्यक्ति का दिमाग सीखने के लिए तभी तैयार होता है, जब उसको कुछ ना कुछ हमेशा सीखने को मिलता रहे।
तत्परता का नियम;- आपका शरीर जितना ज्यादा नई नई चीज़े सीखने के लिए तत्पर रहेगा, उतना ही तेजी से आप चीजों को सीखने मे सक्षम होंगे, कोई भी नई चीज सीखने के लिए आपके अंदर उत्साह होना बहुत जरूरी है, उसके बिना आप कोई भी नई चीज सिख नई पाओगे।
समापन-
आज हमने इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से अच्छे से समझा की सीखने की कला कैसे विकसित करे, इसलिए जीतने भी पॉइंट्स आपको इस पोस्ट मे बताए गए है, उनको आप अच्छे से पढिए ओर उन्हे अपने जीवन मे उतारने का प्रयास कीजिए, एक बात का हमेशा ध्यान रखना की किसी भी नई चीज को सीखना एक कला है,
जो हर व्यक्ति के अंदर होनी चाहिए, ओर इस कला को अपने दिमाग के अंदर उतारना बहुत जरूरी है, इसके बिना आप कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि सीखने का मतलब केवल पढ़ना लिखना ही नहीं होता है, बल्कि अपने जीवन मे सफलता का स्तर हासिल करना है, इस बात का विशेष करके ध्यान रखिए, बाकी अगर आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन मे कोई भी सुझाव आता है, तो उसे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जरूर शेयर करे।
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