इस दुनिया मे इंसानों को जो दिमाग मिला है, वो आज के टाइम मे किसी वरदान से कम नई है, इससे वो जो जाए वैसा काम करवा सकता है, इसलिए अपने दिमाग को कैसे पहचाने, यह हर व्यक्ति को सीखना चाहिए, व्यक्ति का दिमाग इतना शक्तिशाली है, की केवल विचार मात्र से वो अपना कोई भी असंभव काम संभव कर सकता है,
लेकिन यह जितना आसान लग रहा है, उतना आसान नहीं है, इसके लिए आपको अपने दिमाग को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि जब तक आप इसको समझेंगे, नहीं तब तक आपका दिमाग ही आपका सबसे बड़ा शत्रु बन सकता है, जो आपसे ऐसे ऐसे काम करवा सकता है, जिसके बारे आपने सोचा तक नहीं होगा,
लेकिन अगर आप अपने दिमाग को अच्छे से पहचान जाते है, तो यह आपका सबसे अच्छा मित्र भी बन सकता है, जो आपके सारे सपनों को पूरा करने मे आपकी मदद कर सकता है, लेकिन कैसे यह जानने के लिए आज हम इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से इसी टॉपिक के ऊपर बात करने वाले है, की अपने दिमाग को कैसे पहचाने तो आहिए शुरू करते है।
1. दिमाग के दाएं हिस्से को एक्टिव करे-
व्यक्ति अपने जीवन में जितने भी काम करता है, वो सारे काम वो अपने दिमाग के दाएं हिस्से से करता है, दिमाग का दाया हिस्सा व्यक्ति को जो कुछ भी आदेश देता है, उसी प्रकार से व्यक्ति का शरीर नियंत्रित करता है, और काम में निपुणता देता है,
आपको अपने दिमाग में दिन भर में जितने भी खयाल आते है, चाए वो खयाल अच्छे हो या बुरे उसी प्रकार के ख्याल के अनुसार आपका दिमाग काम करता है, और आपके विचार के उपर आपको काम करने पर आपको मजबूर करता है, अगर आपके विचार अच्छे है, तो उन विचारों को सही साबित करने के लिए आपको हर पल उकसाता है, ताकि आप अपने विचारो के ऊपर काम कर पाओ,
वही अगर आपके विचार बुरे या परेशानी वाले है, तो आपका दिमाग आपके विचारो को सही साबित करने के लिए आपको हर पल उकसाता है, और आपकी परेशानी को और ज्यादा बढ़ता है, इसलिए अगर आप अपने जीवन में सफल होना चाहते है, तो अपने विचारो के उपर सबसे ज्यादा ध्यान दे, जैसा आप बोलेंगे या सोचेंगे उस प्रकार से आपका दिमाग काम करता है,
दिमाग का दाहिना हिस्सा सबसे अहम हिस्सा होता है, इसमें आप जो विचार डालोगे उसको सही साबित करने के लिए यह काम करने लग जायेगा, इसलिए अपने दिमाग के दाएं हिस्से को ज्यादा से ज्यादा सक्रिय करे, और उसके अंदर वो ही विचार डाले जो आपको सफल बना सके।
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2. चेतन और अवचेतन दिमाग कैसे काम करता है-
व्यक्ति के दिमाग द्वारा जितनी भी क्रियाएं होती है, उन सबको चेतन और अवचेतन दिमाग ही नियंत्रित करता है, जैसे शरीर में स्वास की मात्रा कितनी होनी चाहिए, शरीर का ताप कितना होना चाहिए, कब अपनी आंखो की पलको को झपकाना है आदि, जितनी भी क्रियाएं जो आपके शरीर के साथ होती है, वो सारी क्रियाएं आपके चेतन और अवचेतन दिमाग के द्वारा ही होती है,
इसका मतलब यह नहीं है, की चेतन और अवचेतन मन दिमाग के दो हिस्से है, बल्कि यह एक ही दिमाग में होने वाली दो गतिविधियां है, आप अपने आप से जो भी बात बोलते है, उसे आपका अवचेतन मन स्वीकार करता है, यदि उसके अंदर आपकी बाते झूठी भी है, तो भी उसे वो स्वीकार कर लेगा, और फिर आपका चेतन मन आपकी बातो के अनुसार आपसे काम करवाना शुरु कर देगा,
इसलिए इस बात का विशेष करके ध्यान दे की आप जो कुछ भी बोले वो सोच समझकर बोले वरना यह आपको कभी भी परेशान कर सकती है, आपके चेतन मन की तुलना में अवचेतन मन ज्यादा शक्तिशाली होता है, आपके अवचेतन मन पर आपका कोई भी नियंत्रण नहीं होता है, आपके चेतन और अवचेतन दिमाग में हमेशा द्वंद चलता रहता है, अवचेतन मन हमेशा चेतन मन द्वारा उपजाए गए, भ्रम को खुद से दूर रखते हुए लगातार काम करता रहता है,
लेकिन हमारा अवचेतन मन जागृत अवस्था में ही नहीं बल्कि सुप्त अवस्था में भी लगातार काम करता रहता है, अवचेतन मन और चेतन मन दोनो दिमाग के बहुत अहम हिस्सा है, आपका अवचेतन मन दिन भर में आप जो कुछ भी सोचते है, उन्हे स्वीकार करता है, फिर उन विचारों को चेतन मन में भेजता है, फिर आपका चेतन मन उन विचारो को सही साबित करवाने के लिए आपसे काम करवाता है।
3. अपने दिमाग को हमेशा एक्टिव रखने के लिए रोजाना व्यायाम करे-
अपने दिमाग को हमेशा एक्टिव रखने के लिए रोजाना आपको व्यायाम करना बहुत जरूरी है, वरना आपका दिमाग कमजोर हो सकता है, जिससे आपके दिमाग में सोचने और समझने की शक्ति काफी कम हो जाती है, जिससे आपको नए नए विचार आना बंद हो जाते है, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती रहती है, वैसे तनाव बोरियत और भी बढ़ने लग जाता है, और उम्र के साथ – साथ दिमाग की शक्तियां भी काफी कम होने लग जाती है,
इसलिए इन चीजों को रोकने के लिए, आपको लगातार अपने दिमाग से व्यायाम और एक्सरसाइज करवाते रहना चाहिए, जिससे आपके दिमाग की नसें कमजोर न हो, और हमेशा आपका दिमाग एक्टिव रहे, जब हम बिल्कुल शांत मन से रोजाना व्यायाम करते है, तो पूरे दिन के जितने भी स्ट्रेस होते है, उन सब को भूलकर एक बढ़िया ऊर्जा अपने अंदर लाते है,
जो आपके दिमाग को बिल्कुल फ्रेस कर देती है, जिससे आपको नए नए विचार को सोचने में आपकी मदद करती है, जब आप रोजाना व्यायाम करते है, तो आपके शरीर के अंदर हमेशा एनर्जी बनी रहती है, जो आपको हमेशा सकारात्मक रखती है, अपने दिमाग को पहंचानने का सीधा सा मतलब है,
जीतना ज्यादा आप अपने दिमाग के उपर कंट्रोल रखोगे, उतना ही ज्यादा आपका दिमाग आपका साथ देगा, उसके लिए हर दिन व्यायाम करे, हर दिन अपने अंदर सकारात्मक बातो को डालते रहिए, जिससे आपका दिमाग उसी प्रकार से काम करे, जैसा काम आप उससे करवाना चाहते हो।
समापन-
आज हमने इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम अच्छे से समझा की अपने दिमाग को कैसे पहचाने, तो जीतने भी पॉइंट्स आपको इस पोस्ट मे बताए गए है, उनको आप अच्छे पढिए ओर यह देखिए की इन तरीकों को मे अपने जीवन मे कैसे उतार सकता हु, ताकि मे अपने दिमाग को अच्छे से पहचान सकु, एक बात का हमेशा ध्यान रखना की व्यक्ति का दिमाग एक बंजर खेत की जमीन की तरह होता है,
जब तक इसमे बहार से कोई मसाला नहीं आता तब तक इसमे कुछ भी पैदा नहीं हो सकता है, इसलिए इस चीज के ऊपर आप विशेष करके ध्यान रखिए, बाकी अगर आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन मे किसी भी प्रकार का कोई भी सुझाव रहता है, तो उसे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जरूर शेयर करे।
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