हम सभी ने अपने जीवन में कई बार ऐसा अनुभव किया है जब हमने किसी को कोई सुझाव दिया है, कोई प्रोडक्ट बेचने की कोशिश की है, या किसी को कोई विचार प्रस्तुत किया हो, लेकिन सामने वाले ने मना कर दिया हो आदि, यह चीज विशेष रूप से बिजनेस और सेल्स की दुनिया में एक आम बात है, क्योंकि हर ‘ना’ को ‘हां’ में बदलना आसान नहीं होता, इसलिए आपको यह पता होना बहुत जरूरी है, की ग्राहक की ना को हाँ मे कैसे बदले,
इसलिए आज हम इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से इस बात को विस्तार से जानेगे की ग्राहक की ना को हाँ मे कैसे बदले, क्योंकि ग्राहक के दिमाग को पढ़ना भी अपने आप मे एक बहुत बढ़ी बात है, जिसमे अगर कोई ग्राहक मना भी कर दे तो आप अपनी स्किल की सहायता से उसकी ना को हा मे बदल सके, यह सब कैसे होता है, इन सारी बातों को आज हम इस पोस्ट मे डीटेल से समझते है, तो आहिए शुरू करते है।

1. कस्टमर को समझने का प्रयास करे:
कोई भी ग्राहक आपको तभी ‘हां’ कहेगा जब उसे लगेगा कि आपके प्रोडक्ट या सेवा से उसकी किसी समस्या का समाधान हो सकता है, इसलिए किसी भी बातचीत की शुरुआत में ग्राहक की समस्या, इच्छाएं और जरूरतों को समझना बेहद जरूरी है, जिससे आप उन्हे वो ही प्रोडक्ट दे जो प्रोडक्ट उन्हे चाहिए, जब आप ऐसा करते है, तो काफी जगह पर कस्टमर का ना बोलने का कोई सवाल ही नहीं होता है।
- कस्टमर से खुलकर सवाल पूछें।
- कस्टमर की बातों को ध्यान से सुनें।
- कस्टमर की भावनाओं और नजरिए को सही तरीके से समझें।
2. विश्वास की ताकत को समझो:
बिना किसी पर कोई भरोसा किए किसी से भी कोई प्रोडक्ट खरीद पाना काफी मुस्किल हो सकता है, यदि आपके शब्द, हाव-भाव और तरीका विश्वसनीय नहीं होगा तो कोई भी कस्टमर आपका प्रोडक्ट खरीदने के लिए हा नहीं बोलेगा, इसलिए कहते है, की किसी को भी प्रोडक्ट बेचने से पहले सामने वाले के मन मे अपना विश्वास बनाए, क्योंकि विश्वास ही एक ऐसी ताकत है, जिससे कोई भी कस्टमर आपसे प्रोडक्ट खरीदने के लिए कभी भी ना बोल ही नहीं पाएगा।
- अपने ज्ञान और अनुभव का प्रदर्शन करें।
- ईमानदार और पारदर्शी रहें।
- ग्राहक के हित को प्राथमिकता दें।
3. प्रोडक्ट के फ़ायदों को बताओ:
प्रोडक्ट चाय कोई भी हो, हर व्यक्ति हमेशा फायदे की तलाश मे ही रहता है, आप उन्हें केवल प्रोडक्ट के फीचर्स बताकर प्रभावित नहीं कर सकते, आपको उन्हे यह दिखाना होगा कि आपका यह प्रोडक्ट खरीदने से उनको क्या-क्या फायदा ओर उनकी जरूरत पूरी हो सकती है, जब आप प्रोडक्ट के फीचर से ज्यादा उसके फायदे के ऊपर ज्यादा ध्यान देते है, तो आपके कस्टमर को यह एहसास होता है, की सच मे यह प्रोडक्ट उसके काम का है, इस तरीके को इस्तेमाल करने से कस्टमर के ना बोलने का विचार मानो एक दम से खत्म ही हो जाता है, इसलिए आप अपने कस्टमर को यह जरूर बताए।
प्रोडक्ट को खरीदने से लंबे समय तक क्या लाभ मिलेगा यह उजागर करें।
यह प्रोडक्ट उनके जीवन को कैसे आसान बनाएगा यह समझाएं।
यह आपके समय, पैसे या ऊर्जा की बचत कैसे करेगा यह बताएं।

4. ‘ना’ बोलने के पीछे के कारण को समझें:
हर ‘ना’ को बोलने के पीछे कोई न कोई कारण होता है, कई बार कस्टमर अपनी आर्थिक स्थिति, समय, भरोसे की कमी या प्रोडक्ट की जानकारी की कमी के अभाव में मना कर देता है, जब तक आप कारण नहीं समझेंगे तब तक समाधान नहीं दे सकते, इसलिए जब भी कोई आपको प्रोडक्ट खरीदने से ना बोले, तो इसका मतलब यह नहीं है, की वो आपसे प्रोडक्ट नहीं खरीदना चाहता बल्कि उसके ना बोलने के पीछे कोई कारण है, जिसकी वजह से वो आपको मना कर रहा है, उसके इस कारण को समझ कर के उसका समाधान करने का प्रयास करे।
यदि भरोसे की कमी है तो सोशल प्रूफ दें।
अगर वो कहते हैं “यह महंगा है” तो वैल्यू बताएं।
अगर कहते हैं “समय नहीं है” तो लचीलापन दिखाएं।
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5. कहानी सुनाएं और उदाहरण दें:
मानव दिमाग कहानियों से गहराई से जुड़ता है, एक अच्छी कहानी किसी भी विचार को लोगों के दिल तक पहुंचा सकती है, इसलिए आप अपने प्रोडक्ट मे क्या फायदे दे रहे है, उसे कस्टमर को एक कहानी के तोर पर समझाए, जिससे कस्टमर को उस प्रोडक्ट के फायदे, कस्टमर के मन को छु ले, जब आप ऐसा कर पाते है, तब कस्टमर के ना बोलने के चांस मानो खत्म ही हो जाते है।
कैसे करे?
- रियल लाइफ केस स्टडी या अनुभव बताएं।
- उदाहरण के माध्यम से अपने पॉइंट को सशक्त बनाएं।
- सकारात्मक अनुभव शेयर करें।
6. छोटी छोटी हां की ओर ले जाएं:
कभी-कभी कस्टमर तुरंत बड़ा निर्णय नहीं ले पाता है, ऐसे में आपको बातों ही बातों मे कस्टमर को छोटे-छोटे ‘हां’ की तरफ ले जाना चाहिए, जब कोई कस्टमर लगातार प्रोडक्ट खरीदने के लिए हा बोलता है, तब उसके ना बोलने के चांस एक दम खत्म ही हो जाते है।
- छोटी सहमति जैसे “क्या आपको यह फीचर पसंद आया?” पूछें।
- छोटे निर्णय लेकर धीरे-धीरे बड़े निर्णय की ओर बढ़ें।

7. शब्दों का जादू:
आपके शब्द आपके सबसे बड़े हथियार होते हैं, इसलिए सकारात्मक, ओर भरोसेमंद शब्दों भाषा का इस्तेमाल करे, जिससे आप किसी भी कस्टमर विचार बदल सकते हैं, आपके शब्दों मे बहुत बढ़ी ताकत है, जिससे आप भी कस्टमर की ना को तुरंत हा मे बदल सकते है, बस आपको इसका सही से इस्तेमाल करना आना चाहिए।
- नकारात्मक शब्दों से बचें।
- सकारात्मक वाक्य और प्रेरक शब्दों का प्रयोग करें।
- “आप” शब्द का ज्यादा इस्तेमाल करें ताकि ग्राहक कनेक्ट कर सके।
8. कस्टमर के मन मे एक डर बिठाए की अब यह प्रोडक्ट आप नहीं खरीद सकते:
लोग अक्सर किसी चीज को इसलिए खरीदते हैं क्योंकि उन्हें यह डर होता है कि वे अगर यह प्रोडक्ट नहीं खरीदेंगे तो कुछ महत्वपूर्ण चीज खो सकते हैं, यह एक मनोवैज्ञानिक तकनीक है जो काफी असरदार होती है, ओर इसका इस्तेमाल काफी लोगों ने किया है, जिसका उन्हे काफी फायदा हुआ है।
- लिमिटेड स्टॉक का उल्लेख करें।
- समयबद्ध ऑफर दिखाएं, की अगर आप समय रहते यह प्रोडक्ट नहीं खरीदेंगे तो आप बाद मे यह प्रोडक्ट नहीं खरीद पायेगे।
- दूसरों के फीडबैक और सफलता की कहानी शेयर करें।
9. पर्षनल टच अपनाएं:
हर ग्राहक अलग होता है, हर ग्राहक के साथ एक जैसी स्क्रिप्ट काम नहीं करती है, इसलिए पर्सनलाइजेशन पर ध्यान दें, जिससे कस्टमर को ऐसा महसूस हो की आप कोई स्क्रिप्ट का इस्तेमाल नहीं कर रहे है, बल्कि एक दोस्त की तरह उससे बात कर रहे है, क्योंकि कस्टमर तो आपसे प्रोडक्ट बाद मे खरीदता है, वो सबसे पहले आपको देखता है, की आप उसके साथ कैसा व्यवहार कर रहे है।
कैसे करे?
- कस्टमर के नाम का उपयोग करें।
- कस्टमर की रुचियों और प्राथमिकताओं के अनुसार पेशकश करें।
- एक इंसानियत भरा टच दें।
10. प्रोडक्ट को बेचने के बाद भी अपने कस्टमर को सपोर्ट दे:
बहुत से लोग इसलिए ‘ना’ कहते हैं क्योंकि उन्हें यह डर होता है कि प्रोडक्ट खरीदने के बाद भी क्या उन्हें सपोर्ट मिलेगा या नहीं, अगर आप उन्हे यह भरोसा दिला पाएंगे कि आप प्रोडक्ट को बेचने के बाद भी आप उनके साथ हैं, तो वे आपसे प्रोडक्ट खरीदने के लिए ओर आपका ग्राहक बनने को भी तैयार हो सकता है।
- लाइफ्टाइम सपोर्ट या रिटर्न पॉलिसी का उल्लेख करें।
- लॉंग टर्म रिलेशन शिप की बात करें।
- फीडबैक और आफ्टर सेल्स सपोर्ट को हाइलाइट करें।
11. सकारात्मक नजरिया बनाए रखें:
हर बार ‘ना’ को ‘हां’ में बदलना संभव नहीं होता है, लेकिन सकारात्मक रवैया और सीखने का नजरिया ही आपको बेहतर बनाएगा, हर बार ना करने वाला व्यक्ति आपको कुछ सिखा सकता है, इसलिए अपना सकारात्मक नजरिया हर समय बनाए रखे।
कैसे करे?
- धैर्य रखें।
- सीखते रहें।
- अस्वीकृति को व्यक्तिगत रूप से न लें।
समापन:
ग्राहक की ‘ना’ को ‘हां’ में बदलना एक कला है, जो अभ्यास, समझदारी और सही तकनीकों से आती है, यह केवल प्रोडक्ट बेचने की बात नहीं है बल्कि एक भरोसेमंद रिश्ता बनाने की प्रक्रिया है, जब आप ग्राहक की जरूरतों को समझकर, उसकी समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं, तो उसका ‘ना’ भी ‘हां’ में बदल सकता है।
इसलिए हर बार जब आपको ‘ना’ सुनने को मिले, तो निराश न हों, सोचिए, समझिए और अगली बार बेहतर करने का प्रयास कीजिए, आपको सफलता जरूर मिलेगी।
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