आज जिस प्रकार से दुनिया मे लोग आगे बढ़ रहे है, उस प्रकार से देखे तो लोगो को अपनी स्किल मे भी महान बनना उतना ही जरूरी हो गया है, जितना जरूरी हमारे लिए खाना होता है, उसमे से ही एक ऐसी स्किल है, जो हर व्यक्ति को सीखना बहुत जरूरी है, ओर वो स्किल है, बातचीत मे माहिर बनने की स्किल।
जिससे वो भी इस दुनिया मे आगे बढ़ पाए, ओर अपने हर सपने को वो पूरा कर पाए, क्योंकि बातचीत ही एक ऐसी कला है, जो व्यक्ति को हर फील्ड मे आगे बढ़ने मे उनकी मदद करता है, इसलिए आज हम इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से इसी टॉपिक के ऊपर बात करने वाले है, की बातचीत मे माहिर कैसे बने, तो आहिए शुरू करते है।
1. सामने वाले की बात को ध्यान से सुने-
इस बात का आप हमेशा ध्यान रखना की कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी भी चीज में पूरा परफेक्ट नही होता है, लेकिन उनके अंदर कुछ आदतें ही ऐसी होती है, जो उनको लोगो के नजरो में महान बनाती है, ऐसी ही एक आदत है,
सामने वाले की बात को अच्छे से सुनने की आदत एक चीज का आप हमेशा ध्यान रखना की कोई भी व्यक्ति अपने आप से ज्यादा किसी से भी खुश नहीं होता है, इसलिए जब भी आप किसी से बात करे तब इस बात का विशेष करके ध्यान रखे, की जितना हो सके सामने वाले को बोलने का मोका दीजिए, उनको प्रोत्साहन दीजिए की वो और खुलकर अपने बारे में बताए,
फिर आप उनकी बातो को ध्यान पूर्वक सुनिए, और उनकी हर एक बात पर पॉजिटिव रिएक्शन दीजिए, जिससे सामने वाले को आपसे बात करने में अच्छा लगे, जब आप किसी की बात को अच्छे से सुनते हो, तो सामने वाला व्यक्ति इसे अपनी सबसे बड़ी तारीफ मानता है, इसलिए अगर आप बातचीत की कला में माहिर बनना चाहते है, तो इसका सबसे बढ़िया तरीका यही है,
की आप सामने की बात को ध्यान से सुने है, और जितनी हो सके उसकी तारीफ कीजिए, इस दुनिया में जितने भी महान कलाकार है, जिन्होंने बातचीत की कला से लोगो का दिल जीत रखा है, उनके अंदर आप एक चीज को हमेशा नोटिस करना की उनके अंदर एक स्किल सबसे कॉमन होगी और वो स्किल है, सामने वाले की बात को अच्छे से सुनना और उनकी तारीफ करने की स्किल, जिससे वो लोगो का दिल जीत लेते है।
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2. किसी से भी जिद्द बहस ना करे-
बातचीत की कला में माहिर बनने के लिए यह सबसे जरूरी है, की जिससे भी आप बात करे, उससे कभी भी जिद्द बहस ना करे, क्योंकि यह एक ऐसी चीज है, जो आपको कभी भी एक अच्छा वक्ता नही बनने दे सकती, एक चीज का आप हमेशा ध्यान रखना की किसी भी व्यक्ति को यह पसंद नही है, की कोई उससे जिद्द बहस करे, उसकी बात पर आर्गुमेट करे, व्यक्ति हमेशा चाहता है,
की सामने वाला व्यक्ति उसकी बात को ध्यान से सुने उसकी तारीफ करे, और हमेशा उसी के बारे में बात करे, जिससे वो आपसे बात करने में रुचि ले, इस चीज़ को एक उदाहरण से समझते है, एक कस्टमर ने किसी दुकान से एक प्रोडक्ट लिया जो उस दुकान का बहुत पुराना ग्राहक था, जिससे उस मालिक को हर महीने अच्छा प्रॉफिट होता था,
उसने उस दुकान से एक प्रोडक्ट लिया जो खराब हो गया लेकिन जब वो उस प्रोडक्ट को वापस देने आया तो उस दुकान के सेल्स मेन ने उससे वो प्रोडक्ट लेने से मना कर दिया और कस्टमर के साथ जिद्द बहस करने लगा, जिस की वजह से कस्टमर को बहुत बुरा लगा और उसने मन ही मन ठान लिया की आज के बाद इस दुकान से कभी भी कोई सामान नहीं लूंगा,
फिर जैसे ही वो गुस्से से वहा से निकलने लगा तब उसकी उस दुकान के मैनेजर से बात हुई जो उस कस्टमर को अच्छे से जानता था, तब उस मैनेजर ने सारी बातो को अच्छे से सुना और समझा और फिर कस्टमर से माफी मांगी और उनको अच्छे समझाया की आपने जो प्रोडक्ट खरीदा है, वो वापिस नही ले सकते लेकिन आपको इसे बदल कर दे सकते है,
जिससे आप वापस इस प्रोडक्ट को इस्तेमाल कर पाए, ऐसा बोलने पर कस्टमर उनसे खुश हो गया और अपना प्रोडक्ट बदला कर चला गया, इससे उन्होंने अपने पुराने कस्टमर को वापस अपनी दुकान से सामान खरीदने के लिए राजी कर लिया, लेकिन ऐसा तभी हो पाया जब उस मैनेजर ने सामने वाले कस्टमर से जिद्द बहस करने के बजाए उसकी बात को अच्छे से सुना और समझा, यह तरीका बातचीत की कला में माहिर बनने का बहुत ही अहम तरीका है।
3. हमेशा अपने बारे में ही न सोचे-
इस दुनिया में काफी ऐसे लोग है, जो दूसरो से ज्यादा अपने अंदर रुचि रखते है, हमेशा अपने बारे में ही सोचता है, उनके अंदर एक वहम हमेशा रहता है, की वो ही इस दुनिया में सबसे बेस्ट है, उनसे ज्यादा समझदार उनके जितने ज्ञानी इस दुनिया में और कोई भी नही है, लेकिन उनको यह नही पता होता है, की उनकी यही सोच उनको इस दुनिया में बर्बाद कर देती है, और जिस व्यक्ति की यह मानसिकता होती है,
वो व्यक्ति कभी एक अच्छा वक्ता नही बन सकता, ऐसे लोगो के अंदर कुछ आदतें ऐसी होती है, जो सबसे कॉमन है, जैसे जब भी कोई जरूरी बात हो रही हो तो सामने वाले की बात को पूरी सुने बिना उसकी बात को कट करके बीच में बोल देना, हमेशा सामने वाले की बात को सुने बिना हर समय बोलते रहना, किसी की भी बात को ध्यान से नही सुनना आदि, ऐसी कुछ उनके अंदर आदतें होती है,
जो बातचीत की कला में उनको कभी भी महान नही बनने देती, इसलिए इस बात का विशेष करके ध्यान में रखे की एक अच्छा वक्ता बनने के लिए हमेशा अपने बारे में ना सोचते हुए सामने वाले के बारे में सोचे उनके बारे में बात कीजिए, उनकी बातो को ध्यान से सुने, उनकी तारीफ कीजिए, जब आप ऐसा करते है, तो चाए आपके अंदर बातचीत की कला में माहिर बनने के लिए कुछ भी गुण न हो, लेकिन फिर भी आप हमेशा लोगो की नजरो में एक अच्छा वक्ता बने हुए रहोगे।
समापन-
आज हमने इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से अच्छे से समझा की बातचीत मे माहिर कैसे बने, इसलिए जीतने भी पॉइंट्स आपको इस पोस्ट मे बताए गए है, उनको आप अच्छे से पढिए, ओर यह देखिए की इन तरीकों को मे अपने जीवन मे कैसे उतार सकु,
हालांकि जब आप इसके ऊपर काम करोगे, तो आपको कुछ समय तक परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है, लेकिन जब आप इन तरीकों को सिख लोगे तो आप अपने जीवन मे हर मुकाम हासिल कर सकते हो,
बाकी आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन मे किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल रहता है, तो उसको कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जरूर शेयर करे।
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