क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि जब आपको किसी सभा में बोलने का मौका मिला हो, ओर उस जगह आपकी आवाज कांपने लगी हो, हाथ-पैर सुन्न हो गए हो और मन में डर बैठ गया हो, अगर आपका जवाब हाँ है, तो इस बात का ध्यान रखे की ऐसे आप आप अकेले व्यक्ति नहीं हैं, पब्लिक स्पीकिंग का डर दुनिया के सबसे सामान्य डर में से एक है, लेकिन इसमे अच्छी बात यह है कि इस डर को पूरी तरह दूर किया जा सकता है, सही सोच, अभ्यास और समझदारी से इसलिए आपको इस बात के बारे मे पता होना चाहिए की पब्लिक स्पीकिंग का डर कैसे दूर करें,
इसलिए इस पोस्ट में हम कुछ पॉइंट्स के माध्यम से विस्तार से इस बात को जानेंगे कि पब्लिक स्पीकिंग का डर कैसे दूर करें,ओर इसके पीछे की मानसिकता क्या है और किन व्यावहारिक तरीकों से इसे जड़ से मिटाया जा सकता है, तो आहिए शुरू करते है।

1. डर क्या है इस बात को समझने का प्रयास करे
पब्लिक स्पीकिंग का डर केवल मंच पर बोलने से नहीं होता, बल्कि उसके पीछे कई मानसिक विचार छुपे हुए होते है जैसे:-
- लोग क्या सोचेंगे इसका डर
- गलती होने का डर
- सबके सामने शर्मिंदा होने का डर
- पहले के अनुभवों की असफलता का डर
दरअसल, यह डर हमारे “फाइट या फ्लाइट” रिस्पॉन्स का हिस्सा होता है, जब हम मंच पर होते हैं, तो हमारा दिमाग इसे “खतरे की स्थिति” मान लेता है और उसी के अनुसार शारीरिक प्रतिक्रिया देता है, पसीना आना, दिल की धड़कन तेज होना, जुबान लड़खड़ाना आदि।
इसलिए इस डर से बाहर निकलने का पहला कदम है, इसकी जड़ को पहचानना और उसे चुनौती देना।
2. दिमागी तैयारी करे
आपका सबसे बड़ा दुश्मन आपका खुद का डर होता है, यदि आप सोचते हैं कि “मैं बोल नहीं पाऊंगा”, तो आप सच में नहीं बोल पाएंगे।
अपनी सोच को कैसे बदले?
- खुद से कहें: “मैं तैयार हूं, मुझे अपनी बात कहनी है।”
- खुद को आईने के सामने देख कर बोलने का अभ्यास करें।
- पॉजिटिव अफर्मेशन अपनाएं जैसे: “मैं एक आत्मविश्वासी वक्ता हूं,”
“लोग मेरी बातों को ध्यान से सुनना चाहते हैं आदि”
कल्पना शक्ति
हर दिन कुछ मिनट कल्पना करें कि आप मंच पर खड़े होकर आत्मविश्वास से बोल रहे हैं, यह दिमागी अभ्यास आपके दिमाग में नई सकारात्मक धारणा बनाता है।
3. जिस बारे मे मंच पर बोलना चाहते है उसके ऊपर पूरी पकड़ बनाए
कई बार हम मंच पर जाने से इसलिए डरते हैं क्योंकि हम जिस बारे मे बोलना चाहते है उस विषय पर हमे पूरी पकड़ नहीं होती है, जब जानकारी अधूरी हो, तो डर होना स्वाभाविक है।
अब आपके मन मे सवाल होगा की आखिर क्या करे
- अपने विषय पर गहराई से रिसर्च करें।
- विषय से जुड़े सवालों की लिस्ट बनाएं और उनके उत्तर तैयार करें।
- अपने भाषण को एक सरल फ़्लो में तैयार करें, शुरुआत, मध्य और अंत बहुत बढ़िया हो।
जब आप अपने कंटेंट पर पकड़ बना लेते हैं, तो मंच पर खड़े होना खुद-ब-खुद आसान हो जाता है।
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4. छोटे-छोटे टुकड़ों मे बोलने का अभ्यास करे
अगर आप सीधे एक बड़े मंच पर बोलने का प्रयास करेंगे, तो उस परिस्थिति मे आप देखेंगे की आपके अंदर डर काफी हावी होगा, इसलिए ऐसा करने के बजाए:-
- अपने दोस्तों के साथ चर्चा करें।
- परिवार के सामने कोई विषय प्रस्तुत करें।
- ऑनलाइन मीटिंग्स में बोलने का अभ्यास करें।
इससे आप धीरे-धीरे आत्मविश्वास अर्जित करेंगे और बड़े मंच के ऊपर बोलने के लिए आप तैयार होंगे।
5. अपनी बॉडी लैंग्वेज को सुधारने का प्रयास करे
शब्दों से ज्यादा असर आपकी बॉडी लैंग्वेज डालती है, जब आप मंच पर खड़े होते हैं, तो उससे सिर्फ आपकी बातें ही नहीं बल्कि आपकी चाल-ढाल, हाथों की मुद्रा, आंखों का संपर्क सब कुछ मायने रखता है।
इसका अभ्यास कैसे करें
- आईने के सामने खड़े होकर अभ्यास करें।
- खड़े होकर अपने हाथों को खुला रखें, चेहरा आत्मविश्वासी बनाएं।
- आई कान्टैक्ट बनाए रखें, किसी एक व्यक्ति को लगातार देखने के बजाय 4–5 लोगों पर बारी-बारी आई कान्टैक्ट बनाए।
एक अच्छी बॉडी लैंग्वेज डर को दूर ही नहीं करती बल्कि लोगों पर भी कई प्रभाव छोड़ती है।

6. असफलता से कभी भी न घबराए
अक्सर पहली बार में परफेक्ट परफॉर्मेंस कभी भी नहीं मिलती, बीच में अटकना, कुछ लाइने भूल जाना या दर्शकों का रिएक्शन कमजोर होना ये सब सामान्य बातें हैं, इसलिए इससे कभी भी न घबराए ओर असफलता से हर समय सीखते रहे:-
याद रखें:
- हर गलती एक अनुभव है।
- हर भाषण से आप बेहतर होते जाते हैं।
- सबसे बड़े वक्ता भी कभी न कभी स्टेज पर अटके हैं।
अगर कोई चीज़ आपसे गलत हो भी जाए तो उसे शांतिपूर्वक स्वीकार करें और आगे बढ़ें, इससे लोग आपकी ईमानदारी की सराहना करेंगे।
7. गहरी सांस ले ओर अपने डर को कंट्रोल करे
जैसे ही आपका मंच पर जाने का समय आता है, उस समय आपने नोटिस किया होगा की आपके दिल की धड़कन तेज होने लग जाती है, हाथ-पैर कांपने लग जाते हैं, ऐसे में एक छोटी सी ट्रिक आपके कई काम आ सकती है:
गहरी सांस लें – धीरे-धीरे सांस छोड़ें – ऐसा 5 बार दोहराएं:
यह प्रक्रिया आपके नर्वस सिस्टम को शांत करती है और आपको एकदम कंट्रोल रखती है, ध्यान रखें आत्मविश्वास का संबंध आपके मन की शांति से भी होता है।
8. विडियो रिकार्ड करके खुद को देखे
अगर आप चाहते हैं कि आप अपनी गलतियों को खुद पहचानें तो उसके लिए आप खुद की विडियो रिकॉर्डिंग करें, फिर किसी एक टॉपिक पर बोलें, उसे कैमरे पर रिकॉर्ड करें और फिर उसे देखें।
- आप जान पाएंगे कि आपकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है।
- कहां पर आप बार-बार रुकते हैं।
- आपकी आवाज कितनी स्पष्ट है।
यह फीडबैक आपको अगली बार बेहतर बनने में मदद करेगा।
9. अपनी शुरुवात एक छोटे भाषण से करे
यदि आप सीधे 10 मिनट का भाषण देने जाएंगे, तो उस परिस्थिति मे आप देखेंगे की डर आपके ऊपर काफी हावी हो सकता है, लेकिन यदि आप 1 या 2 मिनट के छोटे भाषण से शुरुआत करेंगे, तो आप खुद में आत्मविश्वास का संचार होते देखेंगे।
उदाहरण:
- स्कूल/कॉलेज में “Vote of Thanks” देना।
- ऑफिस मीटिंग में “Status Update” देना।
- व्हाट्सप्प ग्रुप में ऑडियो मैसेज के साथ स्वीकार करे।
जैसे-जैसे आप ऐसा करेंगे उससे आपका अनुभव बढ़ेगा, ओर इससे आपका डर गायब होता जाएगा।
10. मंच को ऐसा समझे जैसे की वो आपका दोस्त है न की दुश्मन
एक व्यक्ति की सबसे बड़ी गलती यह है कि वो मंच को एक “ताकतवर विरोधी” समझते हैं, जैसे की मानो उससे बड़ा कोई उसका दुश्मन ही नहीं है, वही अगर आप स्टेज को अपना दोस्त मान लेंगे तो उससे आपको वहा से अपनापन जैसा महसूस होगा, ऐसा करने से डर अपने आप गायब होने लग जाएगा।
मंच एक अवसर है, धमकी नहीं।
- यह वही जगह है जहाँ आप अपनी बात सबके सामने कह सकते हैं।
- मंच आपको सुनने वालों से जोड़ता है, यह दुश्मन नहीं, बल्कि एक माध्यम जिससे आप लोगों तक अपनी बात को पहुचा सकते है।
जब आप स्टेज को एक मौका मानना शुरू करते हैं, तो इससे डर खुद ब खुद हार मान जाता है।
समापन
आज हमने इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझा की पब्लिक स्पीकिंग का डर कैसे दूर करें, इसलिए जीतने भी पॉइंट्स आपको इस पोस्ट मे बताए गए है, उनको आप अच्छे से पढिए क्योंकि पब्लिक स्पीकिंग का डर आज के टाइम मे एक बहुत आम बात है, लेकिन यह आपके आत्मविश्वास की वृद्धि में सबसे बड़ा बाधक बन सकता है अगर आप इससे भागते रहे, तो यह आपके ऊपर हावी होने लग जाता है, लेकिन डर को दूर करने का सबसे असरदार तरीका है, उसका सामना करना।
याद रखिए:
- डर को समझें
- मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को तैयार करें
- छोटे मंचों से शुरुआत करें
- हर अनुभव से सीखें
आप जितना ज्यादा बोलेंगे, उतना ही यह डर कम होता जाएगा और एक दिन आप भी भीड़ के सामने बिना कांपे अपनी बात रख सकेंगे।
आपके विचार?
क्या आपने कभी स्टेज पर बोलने का डर महसूस किया है? क्या आपने खुद कोई ट्रिक अपनाई है जिससे यह डर कम हुआ हो? नीचे कमेंट में जरूर बताएं ताकि और लोग भी उससे कुछ सीख सकें।