हम सभी ने कभी न कभी यह महसूस किया है कि जब हमे किसी नए व्यक्ति से बात करनी हो, या किसी समूह में बोलना हो तो उस जगह हमारा गला सूखने लगता है, शब्द गुम हो जाते हैं और दिमाग खाली लगने लगता है, ओर यह अनुभव शर्मिंदगी भरा होता है, जो हमारे आत्मविश्वास को भी कम करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह डर आपके अंदर का है ही नहीं, यह आपकी आदतों का नतीजा है, इसलिए आपको यह पता होना चाहिए की बिना डरे लोगों से कैसे बात करे, इसलिए
इस पोस्ट में हम कुछ पॉइंट्स के माध्यम से विस्तार से समझेंगे कि बिना डरे लोगों से कैसे बात करे, ओर कैसे आप अपने इस डर पर काबू पा सकते हैं और बिना हिचकिचाट के किसी से भी प्रभावी ढंग से बात कर सके, तो आहिए शुरू करते है।

1. डर को समझे
बात करते समय में डर लगने के कई कारण होते हैं जैसे:
- आत्म-संशय “मैं क्या कहूं?”, “अगर गलत बोल गया तो?”
- पिछला अनुभव: यदि पहले कभी किसी ने मजाक उड़ाया हो
- परवरिश और सामाजिक कॉन्डीसनीग
कैसे समझें?
सबसे पहले अपने डर को पहचानिए की जब आप किसी से बात करने की कोशिश करते हैं, तो आपके शरीर में कौन कोन से लक्षण आते हैं? जैसे पसीना, घबराहट, नज़रें चुराना? ये सब आपके दिमागी अवरोधों की निशानी हैं, जैसे डर को समझने का प्रयास करे, तभी जाकर आप इसके ऊपर विजय प्राप्त कर सकते है।
2. दिमाग को एक जगह शिफ्ट करे
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि बात करना कोई टेस्ट है, जिसमें गलत जवाब देने पर नंबर कट जाएंगे जबकि इसमे सच ये है कि:
- बातचीत एक सीखने और समझने की प्रक्रिया है।
- सामने वाला भी इंसान है, ओर हर जगह वो भी परफेक्ट नहीं होता है।
किसी से भी बात करें तो खुलकर उससे बात करे, जैसे की आप अपने दोस्त से बात कर रहे हैं, जिसमे कोई भी स्क्रिप्ट नहीं, ओर न किसी का कोई दबाव हो, इसलिए अपने दिमाग को एक जगह शिफ्ट करे।
3. खुद पर विश्वास बढ़ाए
बिना डरे बात करने के लिए आत्मविश्वास ज़रूरी है, इसके लिए:
- अपने गुणों की एक सूची बनाएं।
- हर दिन दर्पण में खुद से बात करें।
- छोटी-छोटी सामाजिक बातचीत से शुरू करें, जैसे दुकानदार ओर, सहकर्मी से।
यह कॉन्फिडेंस कोई जन्मजात चीज़ नहीं है, बल्कि यह एक आदत है जिसे आप रोज़ बना सकते हैं।”

4. सुनना सीखें
बिना डरे बात करना केवल अपनी बात कहना नहीं है, बल्कि सामने वाले को ध्यान से सुनना भी है।
- जब आप ध्यान से सुनते हैं, तो जवाब देना आसान होता है।
- इससे सामने वाला भी आपकी इज्जत करता है।
टिप: जब कोई बात करे, तब उसकी बात बीच में मत काटें, बल्कि उनके शब्दों को दोहराकर जवाब दें, इसमे यह दिखाता है कि आप उसकी बात को ध्यान से सुन रहे हैं।
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5. बात की शुरुआत कैसे करें
अक्सर डर वहीं होता है, जिसमे आपके मन मे यह सवाल आता है, की मे यहा पर “पहली लाइन क्या बोलूं?”
यहाँ कुछ आसान स्टार्टिंग लाइनें हैं:
- “हाय, मैं [नाम] हूँ, आपसे मिलकर अच्छा लगा।”
- “आपका विचार बहुत अच्छा लगा, क्या मैं इसमे कुछ जोड़ सकता हूँ?”
- “क्या मैं आपसे कुछ पूछ सकता हूँ?”
एक बार आपकी बात शुरू हो गई, तो आपका डर धीरे-धीरे खुद ही कम हो जाएगा।
6. पब्लिक में बोलने की प्रैक्टिस करें
बिना डरे लोगों से कैसे बात करे यह चीज अकेले में संभव नहीं है, इसलिए आपको लोगों के सामने पब्लिक से खुलकर बात करने की प्रैक्टिस करनी होगी, क्योंकि बात करने से ही आपके अंदर का यह डर कम होगा।
- टोस्ट्मैस्टर जैसी ग्रुप जॉइन करें।
- छोटे-छोटे भाषण दें (2-5 मिनट) का।
- वीडियो रिकॉर्ड करें और खुद को देखें।
अभ्यास आपको डर से बाहर निकालता है, और आपकी आवाज़ को ताकत देता है।

7. बॉडी लैंग्वेज का उपयोग करें
आपके शब्दों से ज्यादा आपकी बॉडी लैंग्वेज सामने वाले व्यक्ति को संकेत देती है:
- आँखों में आँख डालकर बात करें
- मुस्कराएं, हाथों का इस्तेमाल करें
- सीधे खड़े रहें
बॉडी लैंग्वेज आपके बात करने के तरीके में आत्मविश्वास भरती है।
8. डर लगना एक स्वाभाविक बात है
अगर आपको डर लग रहा है, तो इसका मतलब ये नहीं कि आप कमजोर हैं, बल्कि यह एक स्वाभाविक बात है, इसलिए इससे डरे नहीं, ओर डर का सामना करना ही सबसे बड़ी बहादुरी है।
हर दिन एक छोटा कदम लें, ओर किसी नए व्यक्ति से बात करें, उससे कोई सवाल पूछें, ताकि आप उनके साथ बातचीत सुरू कर सके, ऐसा करने पर आपको अपने डर का सामना करने की हिम्मत आएगी।
9. गलतियाँ हों तो क्या करें
गलतियाँ होना आम बात है, बस उनसे घबराना नहीं चाहिए।
- अगर आप कोई शब्द भूल जाएं, तो माफ़ी माँग लें और फिर से शुरू करें।
- अपनी गलती पर मज़ाक कर लें इससे माहौल हल्का हो जाता है।
क्योंकि परफेक्शन से ज़्यादा जरूरी है कनेक्शन।”
10. खुद को समय दें
बिना डरे लोगों से कैसे बात करे यह तरीका सीखने मे एक दिन नहीं लगता है, बल्कि यह एक प्रक्रिया है, जिसे आपको सिखना चाहिए, ताकि आप इसके ऊपर अपनी पकड़ मजबूत कर सके, इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, की आप अपने आप को समय दे।
- अपने अंदर सुधार करने के तरीके को ट्रैक करें।
- हर सप्ताह एक नया लक्ष्य तय करें।
- खुद को शाबाशी देना न भूलें।
आपके अंदर की कंसनटेनसी ही आपका कान्फिडेन्स बढ़ाती है, बस शर्त है इसे लगातार करते रहे।
हमेशा पूछे जाने वाले सवाल
सवाल:- क्या मैं इंट्रोवर्ट हूँ तो बात नहीं कर सकता?
उत्तर: बिलकुल कर सकते हैं, बस आपको अपनी शैली में अभ्यास करना है।
सवाल:- अगर सामने वाला मजाक उड़ाए तो?
उत्तर: शांति से मुस्कुराकर कहें, “शायद मेरी बात सही नहीं हुई है।” और आगे बढ़ें।
सवाल:- अगर मैं बात करते समय कुछ भूल जाऊं?
उत्तर: गहरी सांस लें, रुकें और फिर से शुरू करें।
समापन:
बिना डरे लोगों से बात करना कोई जादू नहीं है , बल्कि यह एक अभ्यास है, एक स्किल है जिसे हर कोई सीख सकता है, अगर आप इस पोस्ट में दिए गए स्टेप्स को अपने जीवन मे अपनाते हैं, तो आप न केवल लोगों से खुलकर बात कर पाएंगे, बल्कि एक प्रभावशाली व्यक्ति भी बन जाएंगे।
अभी क्या करे:
आज ही अपने डर का सामना करें, अपने पड़ोसी, दुकानदार या किसी सहकर्मी से दो मिनट बात कीजिए, अनुभव को नोट करें और अगले दिन एक कदम और आगे बढ़ें।
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