ऐक्टिव लिसनिंग क्या है

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ऐक्टिव लिसनिंग क्या है:- हम सभी बातचीत करते हैं, लेकिन क्या हम वास्तव में सुनते हैं? अक्सर जब कोई बोल रहा होता है, तो हम केवल अगला जवाब सोच रहे होते हैं, लेकिन “सुनना” और “सुनना समझकर” ये दो बिल्कुल अलग बातें हैं।

ऐक्टिव लिसनिंग क्या है, केवल शब्दों को सुनना नहीं, बल्कि पूरे ध्यान से, बिना बाधा और पूरी समझ के साथ सामने वाले की बातों को आत्मसात करना है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:

  • एक्टिव लिसनिंग क्या होती है?
  • इसके मुख्य तत्व क्या हैं?
  • यह हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है?
  • इसे कैसे विकसित करें?
  • और इसके क्या लाभ होते हैं?
ऐक्टिव लिसनिंग क्या है
Image Credit Source:- Pixabay

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Table of Contents

ऐक्टिव लिसनिंग क्या है

ऐक्टिव लिसनिंग एक ऐसा कौशल है जिसमें आप सामने वाले की बातों को सिर्फ सुनते नहीं, बल्कि उन्हें पूरी समझ, ध्यान, और संवेदना के साथ ग्रहण करते हैं, इसमें आप न केवल शब्दों को समझते हैं, बल्कि उनकी भावनाओं, इरादों और अर्थ को भी पकड़ते हैं।

यह एक ऐसा गुण है जो न केवल आपके व्यक्तिगत रिश्तों को बेहतर बनाता है बल्कि पेशेवर दुनिया, नेतृत्व, सेल्स, काउंसलिंग, और टीचिंग जैसी हर भूमिका में आपको और प्रभावशाली बनाता है।

एक्टिव लिसनिंग के मुख्य तत्व

1. पूरा ध्यान देना:

एक्टिव लिसनिंग की पहली शर्त है सामने वाले पर पूरा ध्यान केंद्रित करना मोबाइल, टीवी, या किसी अन्य गतिविधि में उलझे रहकर आप गहराई से नहीं सुन सकते।

2. बॉडी लैंग्वेज का समन्वय:

आपकी आंखों का संपर्क, सिर हिलाना, हावभाव से सहमति जताना ये सब सामने वाले को यह दर्शाते हैं कि आप उसकी बातों में रुचि ले रहे हैं।

3. बोलने से पहले समझना:

अक्सर लोग सुनते ही जवाब देने लगते हैं, एक्टिव लिसनिंग में आप पहले पूरी बात समझते हैं, फिर प्रतिक्रिया देते हैं।

4. विनम्र प्रतिक्रिया देना:

जैसे “समझा”, “अच्छा लगा सुनकर”, या “क्या आप और विस्तार से बता सकते हैं?” ये प्रतिक्रियाएं सामने वाले को प्रोत्साहित करती हैं।

5. बातों को दोहराकर पुष्टि करना:

सामने वाले की बात को अपने शब्दों में दोहराना जैसे, “अगर मैं सही समझा तो आप कह रहे हैं…” यह दर्शाता है कि आपने ध्यानपूर्वक सुना।

एक्टिव लिसनिंग क्यों जरूरी है?

1. बेहतर रिश्तों के लिए:

रिश्तों की सबसे बड़ी समस्या होती है सुने न जाने का अहसास जब आप किसी को पूरी तरह सुनते हैं, तो वह महसूस करता है कि उसकी भावनाएं और विचार महत्वपूर्ण हैं।

2. संचार में स्पष्टता:

सुनने की कला से आप गलतफहमियों से बचते हैं, सामने वाला क्या कहना चाहता है, उसका सही मतलब पकड़ पाना, अच्छे संवाद की कुंजी है।

3. विश्वास का निर्माण:

जब लोग जानते हैं कि आप उन्हें गंभीरता से सुनते हैं, तो वे आप पर अधिक भरोसा करते हैं।

4. पेशेवर सफलता के लिए:

एक्टिव लिसनिंग से टीमवर्क, ग्राहक सेवा, लीडरशिप और काउंसलिंग में बेहतरीन परिणाम मिलते हैं।

एक्टिव लिसनिंग और सामान्य सुनने में अंतर

पहलूसामान्य सुननाऐक्टिव लिसनिंग
ध्यानसतही ध्यानपूरा ध्यान केंद्रित
उद्देश्यजवाब देनासमझना और संबंध बनाना
प्रतिक्रियाजल्दी-जल्दीसोच-समझकर
बॉडी लैंग्वेजसीमितसहभागिता दर्शाने वाली
परिणामगलतफहमी संभवगहराई से जुड़ाव

एक्टिव लिसनिंग का महत्व जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में

1. रिश्तों में:

सफल विवाह, दोस्ती या पारिवारिक संबंधों की बुनियाद एक्टिव लिसनिंग है, जब आप बिना बीच में टोकें सामने वाले को सुनते हैं, तो वह खुद को सम्मानित और महत्वपूर्ण महसूस करता है।

2. कार्यस्थल में:

एक अच्छा मैनेजर वह होता है जो अपने कर्मचारियों की बात सुनता है, टीम मीटिंग्स, फीडबैक सेशन, या ग्राहक इंटरैक्शन हर जगह यह कौशलता आपकी सफलता बढ़ाता है।

3. नेतृत्व में:

एक अच्छा लीडर केवल बोलता नहीं, सुनता भी है, जननेता, टीचर, गुरु सभी की शक्ति उनकी सुनने की कला में छिपी होती है।

4. शिक्षा में:

एक विद्यार्थी जो एक्टिव लिसनिंग करता है, वह ना केवल अच्छे अंक लाता है बल्कि विषय को भी समझता है।

एक्टिव लिसनिंग कैसे विकसित करें? (प्रैक्टिकल उपाय)

1. ध्यान से आंखों में आंखें डालकर सुनें:

नेत्र संपर्क सिर्फ आदर नहीं, ध्यान भी दर्शाता है।

2. बात के बीच में ना बोलें:

सामने वाला कुछ कह रहा हो तो उसे पूरा कहने दें।

3. धैर्य बनाए रखें:

हर कोई एक ही गति से बात नहीं करता धैर्य से सुनें, कोई जल्दी नहीं।

4. सवाल पूछें, लेकिन ध्यानपूर्वक:

“क्या आप थोड़ा विस्तार से समझा सकते हैं?” जैसे प्रश्न बातचित को जीवंत बनाते हैं।

5. बातों को दोहराएं:

आप जो भी बात कर रहे है, उन बातों को बार बार दोहराते रहे।

6. टोन और भावनाओं पर ध्यान दें:

सिर्फ शब्द नहीं, आवाज़ का उतार-चढ़ाव और हाव-भाव भी बहुत कुछ कहते हैं।

7. नोट्स लेना (यदि आवश्यक हो):

महत्वपूर्ण बातचीत में छोटे नोट्स लेने से आप बात को ठीक से समझ और दोहरा सकते हैं।

एक्टिव लिसनिंग के फायदे

  • बेहतर संबंधों का निर्माण
  • गलतफहमियों से बचाव
  • आत्म-संयम और धैर्य में वृद्धि
  • पेशेवर सफलता
  • नेतृत्व क्षमता का विकास
  • मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास में वृद्धि

सामान्य बाधाएं और उन्हें कैसे दूर करें

बाधासमाधान
ध्यान भटकनामोबाइल दूर रखें, शांत जगह पर बातचीत करें
पूर्वधारणाएंखुले मन से सुनें, निष्कर्ष पर जल्दी न पहुंचें
जल्दी-जल्दी जवाब देनाधीमी गति से बात करें, सोचने के बाद उत्तर दें
खुद को सही साबित करनासामने वाले को समझने की कोशिश करें

एक्टिव लिसनिंग: आत्म-सुधार का मार्ग

एक्टिव लिसनिंग केवल दूसरों को समझने का जरिया नहीं है, बल्कि स्वयं को बेहतर बनाने का एक साधन भी है, जब हम दूसरों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं, तो हम उनके नजरिए को अपनाने और अपनी सोच को विस्तार देने में सक्षम हो जाते हैं यह अभ्यास हमें अहंकार से दूर, और सहानुभूति के करीब लाता है, एक्टिव लिसनिंग के माध्यम से हम आत्म-नियंत्रण, सहनशीलता और समझदारी जैसे गुणों को विकसित करते हैं, जो किसी भी व्यक्ति को भीतर से मजबूत और बाहर से विनम्र बनाते हैं, यही एक सच्चे इंसान की पहचान है।

समापन:

आज हमने इस पोस्ट मे कुछ पॉइंट्स के माध्यम से यह अच्छे से समझा की ऐक्टिव लिसनिंग क्या है, इसलिए जीतने भी पॉइंट्स इस पोस्ट है उनको आप अच्छे से पढिए ओर उन पॉइंट्स को समझने का प्रयास करे, की एक्टिव लिसनिंग केवल एक कौशल नहीं, एक कला है। यह आपके जीवन के हर क्षेत्र में गहराई, समझ और प्रभावशीलता लाती है। अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको सुनें, समझें और सम्मान करें तो पहले आप उन्हें वही दें।

एक अच्छा श्रोता बनना सीखने की शुरुआत है, और एक अच्छा संवाद हमेशा सुनने से शुरू होता है, बोलने से नहीं।

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Author: Manoj Prajapat

नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम Manoj Prajapat है ओर में पिछले 2 सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हु इस ब्लॉग में आपको व्यक्ति के लाइफ से जुडी कई प्रोबलम का समाधान मिलता है, जैसे आप अपने बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाएंगे उसके लिए क्या नॉलेज ओर स्किल होनी चाहिए, कम्युनिकेशन स्किल, दिमाग को ट्रेन कैसे करे, आदतों मे बदलाव कैसे लाएं, स्टॉक मार्केट, फाइनेंस आदि, कई विषयों से रिलेटेड आपको यहा पर पोस्ट मिलती है।

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14 Comments

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