आज कल के इस कॉमपीटीशन भरे जमाने में लोगों को अपनी बातों से कन्विन्स करना और उन्हें अपने विचारों के साथ सहमत कराना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कला बन चुकी है, चाहे आप किसी व्यापारिक सौदे पर चर्चा कर रहे हों, नौकरी के इंटरव्यू में हों, रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हों या किसी सामाजिक मंच पर बोल रहे हों हर जगह पर कन्विन्सइंग पॉवर यानी मनाने की कला हर क्षेत्र में काम आती है, इसलिए आपको यह पता होना बहुत जरूरी है की लोगों को अपनी बातों से कंविन्स कैसे करें,
इसलिए आज हम इस पोस्ट में कुछ पॉइंट्स के माध्यम से विस्तार से जानेंगे कि लोगों को अपनी बातों से कंविन्स कैसे करें, इसके अलावा कैसे आप दूसरों को सहजता से अपनी बातों के साथ सहमत करा सकते हैं, ऐसे हर एक बिंदु को इस पोस्ट मे सरल भाषा के अंदर विस्तार से समझाया गया है ताकि आप इसे अपने जीवन में आसानी से उतार सकें, तो आहिए शुरू करते है।

1. आत्मविश्वास के साथ बोलें:
किसी को भी मनाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप खुद अपने विचारों के अंदर विश्वास रखें, यदि आप ही अपनी बात को लेकर डाउट मे हैं तो सामने वाला व्यक्ति कैसे आपकी बातों पर विश्वास करेगा, इसलिए जब भी किसी से बात करे तब सबसे पहले खुद के ऊपर विश्वास रखे, ओर आत्मविश्वास के साथ सामने वाले के साथ बात करे, इससे आपकी बातों का सामने वाले के ऊपर काफी प्रभाव पड़ता है।
- आत्मविश्वास आपके चेहरे, आवाज़ और बॉडी लैंग्वेज में झलकना चाहिए।
- मिरर प्रैक्टिस करें, ताकि आप अपने हाव-भाव सुधार सकें।
- सकारात्मक सोच को अपनाएं, जिससे हर वाक्य में आशा और समाधान झलके।
2. सुनने की कला अपनाएं:
अच्छा वक्ता बनने से पहले अच्छा श्रोता बनना सीखें, लोग तब आपके विचारों को ज्यादा गंभीरता से लेंगे जब वो यह महसूस करेंगे कि आप उनकी भावनाओं और बातों को कितना समझते हैं, इसलिए बोलने से ज्यादा सामने वाले की बात को सुनने पर पूरा ध्यान दे, क्योंकि हर व्यक्ति यह चाहता है, की उसकी बात को कोई सुने, जब आप किसी की बात को सुनते है, तब अपने आप लोग बिना कुछ बोले आपकी बातों से कन्विन्स होने लग जाएंगे।
- सामने वाले को पूरा बोलने दें, उसे बीच में न टोकें।
- नज़र से नजर मिलाकर बात करें।
- सामने वाले के विचारों का सम्मान करते हुए अपनी बात रखें।
3. सरल भाषा का प्रयोग करें:
आपकी भाषा जटिल नहीं होनी चाहिए, अगर सामने वाला व्यक्ति आपकी बात ही नहीं समझेगा तो किसी भी बात को बोलने का कोई मतलब नहीं है, इसलिए जितना हो सके अपनी बात को सरल ओर अपने शब्दों को स्पष्ट रखे, ताकि सामने वाला व्यक्ति यह समझ सके, की आप उनको क्या बोलना चाहते है।
- जटिल शब्दों और कठिन वाक्यों से बचें।
- बिंदुवार अपनी बात रखें।
- उदाहरणों और कहानियों का उपयोग करें।
4. सामने वाले की जरूरत को समझें:
हर व्यक्ति के फैसले का आधार उसकी आवश्यकता और रुचि होती है, यदि आप उस पॉइंट को अच्छे से समझ पाएं तो किसी को भी कन्विन्स करना बहुत ही आसान हो जाता है। इसलिए
विन विन स्थिति बनाएं
सामने वाले के सवालों और इच्छाओं को समझें।
उनकी समस्या को हल करने वाले सुझाव दें।

5. एक सही माहौल का चयन करे:
कई बार बात का असर इस बात पर निर्भर करता है कि वह कब ओर कहा किस जगह इस बात को बोल रहा है, इसलिए इस बात का ध्यान रखे, की आप अभी किस माहोल मे बेठे है, फिर उसी माहोल को देखते हुए, आप अपनी बात को रखे, इसलिए एक सही माहोल को चयन करना बहुत जरूरी है। इसलिए
- सही समय और शांत वातावरण का चयन करें।
- कभी-कभी सिर्फ सुनना और सही मौके का इंतज़ार करना ही समझदारी होती है।
6. अपने शब्दों की शक्ति को पहचानें:
आपके शब्दों में अपार शक्ति होती है, इसलिए हमेशा सकारात्मक ओर उत्साहित करने वाले शब्दों का इस्तेमाल करे, क्योंकि आपके शब्दों मे इतनी ताकत होती है, जिससे आप किसी को भी कन्विन्स कर सकते है। इसलिए किसी से बात करते वक्त
सामने वाले के नाम का उपयोग करें।
“मैं कर सकता हूँ” जैसे वाक्य कहने की आदत डालें।
नेगेटिव वाक्यों से बचें।
इसे भी जरूर पढे:-
7. अपने विचारों को स्टोरीटेलिंग के माध्यम से रखें:
कहानियों में जादू होता है, जब आप किसी विचार को कहानी के रूप में शेयर करते हैं तो उसे हर व्यक्ति लंबे समय तक याद रखते हैं। क्योंकि कहानिया
- वास्तविक अनुभव या प्रेरणादायक चीज़े शेयर करती है।
- हर कहानी में सीख और संदेश होना चाहिए।
8. बॉडी लैंग्वेज का विशेष ध्यान रखें:
हमारी नॉन वरबल कम्यूनिकेशन का प्रभाव शब्दों से कहीं अधिक होता है, आपके शब्दों से ज्यादा आपकी बॉडी लेंगवेज बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है, इसलिए अपने हाथों और चेहरे के हावभाव से अपनी बात रखने का प्रयास करे, इसके अलावा सीधे खड़े हों, ओर अपनी आंखों में आत्मविश्वास रखे, इससे सामने वाले व्यक्ति के ऊपर आपकी बातों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।

9. भावना का संतुलन:
लोग तर्क से सोचते हैं लेकिन फैसले भावनाओ मे रहकर करते हैं, इसलिए आपकी बातचीत में दोनों चीजों का संतुलन होना बहुत जरूरी है। इसलिए
- आंकड़ों और तथ्यों का उपयोग करें।
- लोगों के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाएं।
10. विश्वास बनाए रखें:
लोग उन्हीं की बातों को महत्व देते हैं जिन पर उन्हें विश्वास होता है, झूठ, बनावटी बातें और स्वार्थी रवैया लोगों को आपसे दूर कर सकता है।
- इसलिए अपने मन से ईमानदार रहें।
- जो वादा करें, उसे निभाएं।
- अपनी बातों मे पारदर्शिता और स्पष्टता रखें।
11. सकारात्मक सुझाव और समाधान दें:
किसी भी चर्चा का अंत सकारात्मक समाधान के साथ करें, जिससे सामने वाले को ऐसा महसूस हो कि उसे कुछ मूल्यवान चीज मिली हो।
- किसी भी समस्या के दो-तीन व्यावहारिक उपाय बताएं।
- समाधान में उनकी भागीदारी की गुंजाइश छोड़ें।
12. अभ्यास करे:
आपके अंदर की यह कला अभ्यास से ही सुधरती है, आप जितना अधिक अभ्यास करेंगे, उतना ही आप प्रभावशाली वक्ता बनेंगे।
- रोजाना कम से कम 20-25 मिनट तक आईने के सामने बोलने का अभ्यास करें।
- टेड टॉक, भाषणों और प्रेरक वक्ताओं को सुनें।
13. अपने आप को समय दें:
हर व्यक्ति तुरंत आपकी बातों से सहमत नहीं हो सकता, कभी-कभी बातों का असर धीरे-धीरे होता है, इसलिए जरूरी है, की आप अपने आप को समय दे ओर धेर्य रखे।
- अपने आप को और सामने वाले को समय दें।
- किसी पर भी कोई प्रभाव न डाले।
समापन:
आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि कन्विन्सींग पावर को कैसे विकसित करें और इसे रोजमर्रा के जीवन में कैसे लागू करें, यह कला सिर्फ बातचीत तक सीमित नहीं है बल्कि आपके व्यक्तित्व, संबंधों और करियर में भी निखार लाती है।
इस पोस्ट को अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें और कमेंट करके बताएं कि आपको सबसे ज्यादा कौन-सा पॉइंट उपयोगी लगा।
2 Comments