Loan लेते समय ध्यान रखने योग्य ज़रूरी बातें

Loan लेते समय ध्यान रखने योग्य ज़रूरी बातें

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आज के दौर में जब हर व्यक्ति अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश में लगा है, चाहे वो खुद का घर हो, बिजनेस शुरू करना हो या बच्चों की पढ़ाई — तो लोन (Loan) एक ऐसी वित्तीय सुविधा है जो इन सपनों को साकार करने में आपकी मदद करती है, लेकिन कई बार लोग बिना सोचे-समझे लोन ले लेते हैं और बाद में पछताना पड़ता है, ऐसे मे आपको यह पता होना बहुत जरूरी है, की Loan लेते समय ध्यान रखने योग्य ज़रूरी बातें कोनसी है।

दरअसल, लोन लेना आसान है, लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज करना और समय पर चुकाना उतना ही मुश्किल हो सकता है, इसलिए लोन लेने से पहले कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि लोन लेने से पहले किन बातों को समझना चाहिए।

1. अपनी वित्तीय स्थिति का सही मूल्यांकन करें

लोन लेने से पहले आपको यह समझना जरूरी है कि आपकी आर्थिक क्षमता (Financial Capacity) कितनी है।
अगर आप अपनी आय, खर्च और बचत का सही अंदाज़ा नहीं लगाएंगे तो आगे चलकर EMI चुकाना मुश्किल हो सकता है।

हर व्यक्ति की कमाई और खर्च अलग-अलग होते हैं, इसलिए आपको यह गणना करनी चाहिए कि आपकी मासिक आय (Monthly Income) में से कितनी राशि EMI के रूप में जा सकती है, एक अच्छा नियम यह है कि आपकी कुल आय का 30% से ज्यादा EMI पर खर्च नहीं होना चाहिए।

उदाहरण के लिए:
अगर आपकी सैलरी ₹50,000 है, तो ₹15,000 तक की EMI लेना सुरक्षित माना जा सकता है।
अगर आप इससे ज्यादा की EMI लेंगे तो आपकी बचत और जीवनशैली दोनों पर असर पड़ेगा।

साथ ही, आपको अपनी आकस्मिक जरूरतों (Emergency Needs) के लिए भी फंड अलग रखना चाहिए, कई लोग लोन लेते समय यह नहीं सोचते कि भविष्य में कोई आकस्मिक खर्च, जैसे बीमारी या नौकरी छूटना, भी हो सकता है, इसलिए हमेशा अपने फाइनेंस को देखकर ही लोन लें।

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2. सही प्रकार का लोन चुनें

हर लोन का उद्देश्य अलग होता है, कई बार लोग सिर्फ “पैसे की जरूरत” सुनकर किसी भी तरह का लोन ले लेते हैं, लेकिन सही निर्णय यही है कि आप अपनी जरूरत के अनुसार लोन का प्रकार चुनें।

मुख्य लोन के प्रकार:

  • Personal Loan: किसी भी उद्देश्य के लिए लिया जा सकता है, लेकिन ब्याज दर सबसे अधिक होती है।
  • Home Loan: घर खरीदने या बनाने के लिए, ब्याज दर अपेक्षाकृत कम होती है और टेन्योर लंबा होता है।
  • Education Loan: पढ़ाई के लिए, जिसमें कई बार सरकार की सब्सिडी भी मिलती है।
  • Vehicle Loan: कार या बाइक खरीदने के लिए।
  • Business Loan: कारोबार बढ़ाने या नया बिजनेस शुरू करने के लिए।

आपको यह तय करना चाहिए कि आपकी जरूरत किस श्रेणी में आती है।
यदि आप अल्पकालिक जरूरत के लिए Personal Loan ले रहे हैं, तो ध्यान रखें कि ब्याज दरें 10–18% तक हो सकती हैं।
जबकि Home Loan पर यह दर 8–9% तक रहती है।

इसलिए सिर्फ “लोन मिल रहा है” देखकर निर्णय न लें, बल्कि लोन का प्रकार और उसका उद्देश्य स्पष्ट रखें।

सही प्रकार का लोन चुनें
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3. ब्याज दर (Interest Rate) की तुलना करें

ब्याज दर (Interest Rate) ही वह तत्व है जो यह तय करता है कि आपको लोन पर कुल कितना पैसा चुकाना पड़ेगा, हर बैंक या वित्तीय संस्था की ब्याज दरें अलग होती हैं।

ब्याज दर के प्रकार:

  1. Fixed Interest Rate:
    • जब तक लोन चलता है, तब तक उसकी ब्याज डर स्थिर रहती है।
    • EMI हमेशा समान रहती है।
    • स्थिर आय वाले लोगों के लिए उपयुक्त विकल्प है।
  2. Floating Interest Rate:
    • यह बाजार की स्थिति (RBI रेपो रेट) के अनुसार बदलती रहती है।
    • कभी EMI बढ़ सकती है, कभी घट सकती है।
    • लंबी अवधि के लोन में यह विकल्प अच्छा रहता है क्योंकि ब्याज दर घटने पर फायदा होता है।

लोन लेने से पहले आपको कम से कम 3–4 बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करनी चाहिए।
इससे आप यह समझ पाएंगे कि कौन-सा बैंक सबसे बेहतर डील दे रहा है।

Tip: कई वेबसाइटें (जैसे BankBazaar, PaisaBazaar) EMI और Interest Compare करने की सुविधा देती हैं, उनका उपयोग करें।

4. EMI और Loan Tenure को समझें

अक्सर लोग सिर्फ कम EMI देखकर लोन ले लेते हैं, जबकि यह जरूरी नहीं कि वह सस्ता साबित हो।
अगर आप लोन की अवधि (Tenure) बढ़ाते हैं तो EMI कम जरूर होगी, लेकिन कुल ब्याज राशि (Total Interest) बढ़ जाएगी।

उदाहरण:
₹5 लाख का लोन 3 साल के लिए लिया तो कुल ब्याज ₹80,000 हो सकता है।
लेकिन वही लोन अगर 5 साल के लिए लिया, तो ब्याज ₹1.4 लाख तक बढ़ सकता है।

इसलिए हमेशा लोन की अवधि को अपनी आय और भुगतान क्षमता के हिसाब से तय करें।
यदि आपकी सैलरी स्थिर है, तो छोटी अवधि वाला लोन बेहतर रहेगा — आप ब्याज में बचत कर पाएंगे।

Extra Tip: EMI कैलकुलेटर का उपयोग करें ताकि पहले से EMI का सही अनुमान लग सके।

5. छिपे हुए चार्जेस (Hidden Charges) ज़रूर जांचें

लोन लेते समय बैंक सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, बल्कि कई प्रकार के अन्य शुल्क (Charges) भी वसूलते हैं, अगर आप इन पर ध्यान नहीं देंगे तो लोन महंगा पड़ सकता है।

मुख्य चार्जेस:

  • Processing Fee: लोन प्रोसेस करने का शुल्क (1–2% तक)।
  • Foreclosure Charges: लोन जल्दी बंद करने पर लगने वाला जुर्माना।
  • Prepayment Charges: लोन की कुछ EMI से पहले रकम चुकाने पर चार्ज।
  • Late Payment Fee: EMI देर से भरने पर पेनल्टी।
  • Legal / Documentation Fee: कागज़ी प्रक्रिया के खर्चे।

इसलिए लोन एग्रीमेंट में लिखी हर बात को ध्यान से पढ़ें।
अगर कोई चार्ज समझ में न आए तो बैंक से साफ-साफ पूछें और सबूत के तौर पर ईमेल या लिखित जवाब लें।

6. अपने क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) की जांच करें

क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय ईमानदारी का रिकॉर्ड होता है।
यह 300 से 900 के बीच एक अंक होता है जो यह बताता है कि आपने अपने पुराने कर्ज या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर किया है या नहीं।

स्कोर का महत्व:

  • 750 से ऊपर → बहुत अच्छा स्कोर, लोन जल्दी मंजूर होता है।
  • 650–750 → ठीक-ठाक स्कोर, ब्याज दर थोड़ी अधिक लग सकती है।
  • 650 से नीचे → कमजोर स्कोर, लोन रिजेक्ट होने की संभावना।

अगर आपका स्कोर कम है तो पहले उसे सुधारें।
कैसे?

  • क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरें।
  • एक साथ बहुत सारे लोन के लिए आवेदन न करें।
  • पुराने लोन खाते सही समय पर बंद करें।

याद रखें, अच्छा CIBIL स्कोर आपको कम ब्याज दर और बेहतर ऑफर दिला सकता है।

7. EMI भुगतान की क्षमता और अनुशासन

लोन लेने के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी है EMI समय पर भरना।
अगर आप EMI चूकते हैं, तो न सिर्फ आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, बल्कि बैंक लेट फीस भी लगाता है।

इसलिए:

  • EMI के लिए Auto Debit या ECS सुविधा चालू रखें।
  • EMI से पहले हमेशा खाते में बैलेंस रखें।
  • एक डायरी या मोबाइल ऐप से सभी भुगतान ट्रैक करें।

अगर किसी महीने वित्तीय दिक्कत हो, तो बैंक को पहले से सूचित करें।
कई बैंक अस्थायी राहत या Restructure विकल्प भी देते हैं।

याद रखें: समय पर EMI चुकाना आपकी वित्तीय विश्वसनीयता बढ़ाता है।

8. लोन दस्तावेज़ सुरक्षित रखें

लोन प्रक्रिया में कई कागजात बनते हैं — Loan Agreement, EMI Schedule, NOC, और Bank Statements, इन दस्तावेज़ों को हमेशा सुरक्षित रखें।

लोन चुकाने के बाद बैंक से No Dues Certificate (NOC) लेना न भूलें।
यह प्रमाण है कि आपने लोन पूरी तरह चुका दिया है।
इसके बिना आपके CIBIL रिकॉर्ड में लोन “Active” दिख सकता है और भविष्य में नया लोन लेते समय समस्या आ सकती है।

लोन दस्तावेज़ सुरक्षित रखें
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9. प्रीपेमेंट और फोरक्लोज़र (Prepayment & Foreclosure) नियम जानें

कई बार स्थिति ऐसी बनती है कि हमें लोन समय से पहले ही चुकाने का मौका मिल जाता है।
लेकिन बैंक या NBFC इसके लिए शुल्क वसूल सकते हैं।

Prepayment: EMI चलने के दौरान कुछ रकम अतिरिक्त जमा करना।
Foreclosure: पूरा लोन एक साथ चुकाकर बंद कर देना।

इन दोनों पर लगने वाले चार्जेस की जानकारी पहले से लें।
अगर बैंक बिना चार्ज के यह सुविधा देता है, तो यह आपके लिए बहुत लाभकारी होगा क्योंकि आप ब्याज बचा सकते हैं।

10. सही संस्था या बैंक का चयन करें

आजकल मार्केट में बहुत सारे फिनटेक ऐप्स और प्राइवेट लोन कंपनियाँ मौजूद हैं।
कई अनजान ऐप्स आकर्षक ब्याज दर दिखाकर लोगों को फंसा देते हैं और बाद में डेटा चोरी या धमकी जैसी घटनाएँ भी सामने आती हैं।

इसलिए हमेशा:

  • केवल RBI द्वारा मान्यता प्राप्त बैंक या NBFC से लोन लें।
  • संस्था की साख और ग्राहक समीक्षा (Reviews) पढ़ें।
  • लिखित एग्रीमेंट के बिना कोई लोन मंजूर न करें।

कभी भी किसी ऐप या वेबसाइट को अपने पर्सनल डॉक्यूमेंट्स या बैंक एक्सेस देने से बचें।

11. को-Applicant या गारंटर की जिम्मेदारी समझें

अगर आप किसी के साथ Joint Loan ले रहे हैं या किसी के लिए Guarantor बन रहे हैं,
तो याद रखें कि बैंक दोनों को समान रूप से जिम्मेदार मानता है।

अगर मुख्य आवेदक EMI नहीं भरता है तो बैंक गारंटर या को-Applicant से रकम वसूल सकता है।
इसलिए किसी के लिए बिना सोचे-समझे गारंटी न दें।

गारंटर बनने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आवेदक की आर्थिक स्थिति स्थिर है।

12. वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करें

कभी-कभी लोन लेने से पहले अन्य विकल्प भी बेहतर साबित हो सकते हैं:

  • अपने बचत खाते या FD का उपयोग करना।
  • परिवार या मित्रों से अल्पकालिक सहायता लेना।
  • ब्याज-मुक्त क्रेडिट कार्ड अवधि का उपयोग।

अगर आपकी जरूरत अस्थायी है, तो Personal Loan से बचें क्योंकि इसकी ब्याज दर अधिक होती है।

13. ओवरबॉरोइंग से बचें

कई लोग सोचते हैं कि “ज्यादा लोन मिलेगा तो अच्छा है,” लेकिन यह सोच खतरनाक साबित हो सकती है।
जरूरत से ज्यादा लोन लेना आपकी वित्तीय स्वतंत्रता को खत्म कर देता है।
EMI बढ़ने से आपकी जीवनशैली और बचत दोनों प्रभावित होती हैं।

हमेशा उतना ही लोन लें जितना आपकी वास्तविक आवश्यकता हो, न कि जितना बैंक ऑफर करे।

14. लोन के बाद वित्तीय अनुशासन बनाए रखें

लोन लेना किसी समस्या का समाधान है, लेकिन असली सफलता तब है जब आप उसे समय पर चुका दें।
इसके लिए जरूरी है कि आप अपने खर्चे सीमित रखें, बजट बनाएँ और नई कर्ज़ लेने की आदत से बचें।

हर महीने अपने खर्चों की समीक्षा करें और देखें कि कहीं आप अनावश्यक खर्चों में तो नहीं फंस रहे।
अगर लोन चल रहा है तो क्रेडिट कार्ड से भारी खरीदारी करने से बचें।

निष्कर्ष

लोन लेना गलत नहीं है — गलत है बिना जानकारी और योजना के लोन लेना।
अगर आप अपनी भुगतान क्षमता, ब्याज दर, छिपे चार्जेस, और नियमों को ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैं,
तो लोन आपके सपनों को साकार करने का साधन बन सकता है।

लेकिन अगर आप जल्दबाज़ी या लालच में फंस गए,
तो यही लोन आपकी वित्तीय परेशानी का कारण भी बन सकता है।

इसलिए लोन लेने से पहले सोचें, समझें और सभी बिंदुओं पर अच्छी तरह विचार करें।
जब आप यह सब ध्यान में रखेंगे, तो न सिर्फ लोन आसानी से मिलेगा, बल्कि उसे समय पर चुका भी पाएंगे।

मुख्य बातें संक्षेप में:

  • अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन करें
  • सही लोन प्रकार चुनें
  • ब्याज दर और चार्जेस की तुलना करें
  • EMI समय पर भरें
  • दस्तावेज़ सुरक्षित रखें
  • लोन जल्दी चुकाने की शर्तें जानें
  • विश्वसनीय बैंक या संस्था से ही लोन लें
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Author: Manoj Prajapat

नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम Manoj Prajapat है ओर में पिछले 2 सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हु इस ब्लॉग में आपको व्यक्ति के लाइफ से जुडी कई प्रोबलम का समाधान मिलता है, जैसे आप अपने बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाएंगे उसके लिए क्या नॉलेज ओर स्किल होनी चाहिए, कम्युनिकेशन स्किल, दिमाग को ट्रेन कैसे करे, आदतों मे बदलाव कैसे लाएं, स्टॉक मार्केट, फाइनेंस आदि, कई विषयों से रिलेटेड आपको यहा पर पोस्ट मिलती है।

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